एक लड़की थी, दीवानी सी
अश्विन पे वो मरती थी
चोरी-चोरी चुपके-चुपके
भुनेश्वर को चिठ्ठिया लिखा करती थी
नज़रें झुका के, शर्मा के
जाधव से बातें करती थी
कभी-कभी जुल्फे बिखरके
बुमराह की गलियों से गुजरती थी
कुछ कहना था शायद उसको जडेजा से
पर धोनी से वो डरती थी
जब भी मिलती थी वो हार्दिक पांडया से
बस यही पूछा करती थी
हराम खोर तु क्यु भागा तुझे कौन सी जल्दी थी ।।
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
अश्विन पे वो मरती थी
चोरी-चोरी चुपके-चुपके
भुनेश्वर को चिठ्ठिया लिखा करती थी
नज़रें झुका के, शर्मा के
जाधव से बातें करती थी
कभी-कभी जुल्फे बिखरके
बुमराह की गलियों से गुजरती थी
कुछ कहना था शायद उसको जडेजा से
पर धोनी से वो डरती थी
जब भी मिलती थी वो हार्दिक पांडया से
बस यही पूछा करती थी
हराम खोर तु क्यु भागा तुझे कौन सी जल्दी थी ।।
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