Tuesday, 20 June 2017

परिवार से अलग होकर आज़ादी तो मिल जाती है लेकिन संस्कार 🏻चले जाते हैं.

बहुत सुन्दर सन्देश💫

   पत्थर🖱तब तक सलामत है
  जब तक वो पर्वत से जुड़ा है.
   पत्ता 🍂तब तक सलामत है
 जब तक वो 🌴पेड़ से जुड़ा है.
  इंसान 👳तब तक सलामत है
जब तक वो 👪परिवार  से जुड़ा है.
                    क्योंकि,
     परिवार 👪से अलग होकर
       आज़ादी तो मिल जाती है
                     लेकिन
         संस्कार 👏🏻चले जाते हैं.

                  🐚☀🐚
             🐾स्नेह वंदन🐾
              🙏🏻सुप्रभात🙏🏻
*🙏🏻आपका और आपके परिवार का दिन शुभ् और मंगलकारी हो🙏

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