Wednesday, 3 February 2016

मुझको भी अधिकार मिले कुछ, मुझको भी सन्मान मिले.

🇮🇳मुझको भी अधिकार मिले कुछ,
मुझको भी सन्मान मिले.

ज़िंदा रहने को दो रोटी,
कपडा और मकान मिले.

मेरे कदमो में हो आहट,
नमी रहे कुछ हाथो में.

मुझको भी मेरे हिस्से का बस,
थोडा हिंदुस्तान मिले।।🇮🇳

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