“बारिश में चलना पसन्द है मुझे.. ताकि मेरे आंसू को कोई पहचान न सके.”:|:|:| . . . . . . . . .ऐसे शायरी वो गांडमरे लौंडे मारते हैं..👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻
जो तालाब में नहाते वक़्त मूत भी कर देते हैं. 😝😝😝😝
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